मई शिवप्रसाद विष्णु बांदेकर , बंद इस ब्लॉग को लिखने के पहले यह सूचित करता हूँ की यह ब्लॉग http://www.vishwakarmasa.blogspot.com पूरी तरह से श्री विश्वकर्मा स्टोन आर्ट्स की वैयाक्तिय पेशकश है । इस ब्लॉग मई मौजूदा सभी जानकारी और तस्वीरे पूरी तरह से श्री विश्वकर्मा स्टोन आर्ट्स के सदस्यों दयारा भेजी गयी है या तो फिर संकलित कियी गयी है ।
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: ब्लॉग राईटर
सुरुवात :
प्राचीन भारत में सदियों से मूर्ति कला के अवशेष पाए जाते है । राजस्थानी मूर्ति कला इस सबमे सबसे उत्तम नमूना है । मूर्ति कला के हेतु उपयोगी कई तरह के पत्थर राजस्थान के भूमि में पाए जाते है । और उन सब पत्थरों के उपयोग से राजस्थानी कर्गिरोने दुनिया में मूर्ति कला के क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है ।
कहा जाता है की प्राचीन काल से विश्वकर्मा ब्रम्हीं परिवार (जांगिड) एक सेवा की तरह मूर्ति कला की उपासना कर रहा है । आधुनिक तंत्र , और अवजार के मद्धम से उन्होंने इस कला को सता समुन्दर पर भेजा है ।
Monday, August 23, 2010
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Hello Shivprasad!
ReplyDeleteGlad by seeing the huge collection of everything in stone art work. I hope your team of artist/sculptor following & continuing the traditional & ethnic art. Congratulations to all those craftsman!!