Monday, August 23, 2010






प्रस्तावना : श्री विश्वकर्मा स्टोन आर्ट्स

मई शिवप्रसाद विष्णु बांदेकर , बंद इस ब्लॉग को लिखने के पहले यह सूचित करता हूँ की यह ब्लॉग http://www.vishwakarmasa.blogspot.com पूरी तरह से श्री विश्वकर्मा स्टोन आर्ट्स की वैयाक्तिय पेशकश है । इस ब्लॉग मई मौजूदा सभी जानकारी और तस्वीरे पूरी तरह से श्री विश्वकर्मा स्टोन आर्ट्स के सदस्यों दयारा भेजी गयी है या तो फिर संकलित कियी गयी है ।
मेरी जानकारी में मौजूदा जानकारी जिस तरह से पेश की गयी है उसी तरह से प्रस्तावित कियी जा रही है । सम्बंधित अधिकतम जानकारी के लिए स्थानीय संपर्क अधिकारिओं से संपर्क करे

: ब्लॉग राईटर

सुरुवात :

प्राचीन भारत में सदियों से मूर्ति कला के अवशेष पाए जाते है । राजस्थानी मूर्ति कला इस सबमे सबसे उत्तम नमूना है । मूर्ति कला के हेतु उपयोगी कई तरह के पत्थर राजस्थान के भूमि में पाए जाते है । और उन सब पत्थरों के उपयोग से राजस्थानी कर्गिरोने दुनिया में मूर्ति कला के क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है ।

कहा जाता है की प्राचीन काल से विश्वकर्मा ब्रम्हीं परिवार (जांगिड) एक सेवा की तरह मूर्ति कला की उपासना कर रहा है । आधुनिक तंत्र , और अवजार के मद्धम से उन्होंने इस कला को सता समुन्दर पर भेजा है ।

Thursday, August 19, 2010

अक्षर धाम गांधीनगर गुजरात :

अक्षर धाम मंदिर श्री स्वामी नारायण संस्था द्वारा बनवाया गया है । इस प्रोजेक्ट में हमारी टीम ने लगातार दस साल तक कम किया सभामंड़प के आगे का हाल ये हमरा मुख्य काम रहा है । यह प्रोजेक्ट बहुत ही बड़ा प्रोजेक्ट और बेमिसाल प्रोजेक्ट है जो श्री स्वामी नारायण संस्था ने बनाया है हमारे अलावा संस्था ने बहुत से अन्य करागीरों को इस प्रोजेक्ट में काम करने का मौका दिया इस लिए हम उनके तहे दिल से शुक्रगुजार है ।

धन्यवाद

श्री बान्देश्वर मंदिर बांदा :

इस काम का पहला टप्पा पूरा हो गया है और घुमट का काम चालू है । प्र दक्षिणा मार्ग पूरा हो गया है । सभा मंडप का काम प्रगति पथ पर है इस प्रोजेक्ट कa bajet १.५ करोड़ तक तय किया था अभी मौजुता श्तिति में यह कम ३ करोड़ तक जा सकता है । पहले टप्पे का कम पुर हो जाने के बाद सभामंड़प और एंट्री गाते [ प्रवेश marg ] भी करना है ।

श्री गजानन महाराज संस्था , शेगांव :

१९९० में सुरु हुआ ये काम लगतार प्रगति पथ पर है । पंढरपुर गजानन महाराज संस्था का गेट १९९५-९६ में बनाया गया यह एक भव्य कलाकृति है । आनंद सागर शेगांव का पूरा परिसर देखने लायक तो है ही और यहाँ का शांत औत रम्य वातावरण इस को चार चाँद लगा देता है । आप इस मंदिर ,गार्डेन ध्यान केंद्र मोर गइत के तस्वीरे इस ब्लॉग में जगह जगह पाएंगे।

ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश [ श्री गजानन महाराज संस्था ] :

इस मंदिर के प्रोजेक्ट में हमारे साथी काम कर रहे है । सभी करगिर राजस्थान से ए है।

इन सभी कामों के अलावा त्रम्ब्केश्वर , आलंदी इन जगहों पर भी काम जोरों से चालू है , शेगांव के सभामंड़प के दुसरे चरण में दूसरी मंजिल का काऍम प्रगति पथ पर है ॥

फिर मिलेंगे

धन्यावाडी

Monday, August 16, 2010

स्थल : आनंद सागर शेगांव गजानन महाराज संसथान गार्डेन । यह शिल्प राजस्थानी पत्थरो के अलग अलग ढाचों से बनाया है । बहुत मेहनत और लगन का ये एक और उदहारण करगीरने पेश किया है .


ध्यान kendra आनंद सागर

मोर गेट आनंद सागर


आनंद सागर प्रवेश द्वार इसमें मोर की कलाकृति बनाई है









कुछ नयी तस्वीरे दर्शकों के लिए ..

इस ब्लॉग के दर्शकों के लिए हम और कुछ तस्वीरे भेज रहे है । उनकी पूरी जानकारी हम जल्द ही अपने ब्लॉग पर पब्लिश करेंगे । धन्यवाद ।